जुलाई 2025 में शिक्षा विभाग ने देशभर के सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 5वीं और 8वीं के छात्रों के लिए बड़ा बदलाव किया है। अब इन कक्षाओं में फेल पास का नियम लागू कर दिया गया है। इसके तहत जो छात्र परीक्षा में न्यूनतम निर्धारित अंक नहीं ला पाएंगे, उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और बच्चों की पढ़ाई में seriousness लाने के लिए यह नियम लागू किया गया है। यह नियम 2025-26 सत्र से लागू होगा और स्कूलों में सत्रांत परीक्षा में अर्हता अंक न लाने पर छात्रों को उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।
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फेल पास का नया नियम क्या है?
कक्षा 5वीं और 8वीं के लिए फेल पास का नया नियम यह है कि इन कक्षाओं में अब बोर्ड पैटर्न पर वार्षिक परीक्षा होगी, जिसमें पास होने के लिए छात्रों को कम से कम 33% अंक लाने होंगे। अगर कोई छात्र इस परीक्षा में पास नहीं हो पाता है तो उसे री-एग्जाम का मौका मिलेगा। यदि री-एग्जाम में भी वह पास नहीं होता है तो उसे उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा और अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि छात्रों को पढ़ाई के प्रति गंभीर बनाने और सीखने की गुणवत्ता को सुधारने के लिए यह कदम उठाया गया है।
नियम क्यों लागू किया गया?
– पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार के लिए।
– छात्रों में पढ़ाई के प्रति seriousness लाने के लिए।
– कक्षा 5वीं और 8वीं को स्कूल स्तर पर बोर्ड जैसी परीक्षा व्यवस्था में लाने के लिए।
– शैक्षणिक स्तर पर कमजोर छात्रों की पहचान कर उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन देने के लिए।
कक्षा 5वीं और 8वीं के छात्रों के लिए परीक्षा प्रक्रिया
– साल में एक बार वार्षिक परीक्षा होगी।
– परीक्षा में पास होने के लिए कम से कम 33% अंक लाना अनिवार्य होगा।
– परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को 2 महीने बाद री-एग्जाम दिया जाएगा।
– री-एग्जाम में पास न होने पर छात्र को उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।
– परीक्षा का आयोजन स्कूल स्तर पर ही होगा लेकिन मॉडरेशन और मॉनिटरिंग शिक्षा विभाग द्वारा की जाएगी।
किस राज्यों में लागू होगा यह नियम?
शिक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह नियम पूरे देश के सरकारी स्कूलों और मान्यता प्राप्त स्कूलों में लागू किया जाएगा। फिलहाल राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात समेत कई राज्यों ने इस नियम को अपने यहां लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य शिक्षा बोर्ड के तहत संचालित स्कूलों में भी यह नियम लागू होगा।
इस नियम से क्या बदलाव आएंगे?
– छात्र पढ़ाई को गंभीरता से लेंगे।
– बच्चों की बुनियादी शिक्षा मजबूत होगी।
– फेल पास के डर से अभिभावक भी बच्चों की पढ़ाई में ध्यान देंगे।
– शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
– छात्रों को पढ़ाई का महत्व समझ में आएगा।
अभिभावकों और छात्रों के लिए सलाह
– बच्चे की पढ़ाई नियमित रूप से कराएं और समय पर स्कूल भेजें।
– बच्चों के होमवर्क और क्लासवर्क की जांच करें।
– बच्चों को परीक्षा के महत्व के बारे में बताएं।
– कमजोर विषयों में बच्चों को ट्यूशन या अतिरिक्त पढ़ाई कराएं।
– री-एग्जाम से पहले तैयारी अच्छे से कराएं ताकि छात्र अगली कक्षा में प्रमोट हो सके।
महत्वपूर्ण लिंक
👉 राज्य शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट चेक करें
Disclaimer: यह जानकारी जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। नियम से संबंधित राज्य स्तर पर जारी निर्देश, नोटिफिकेशन और अपडेट के लिए संबंधित राज्य शिक्षा विभाग या शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट पर विजिट कर पुष्टि कर लें।